पूजन विधि,शुभ मुहूर्त

– करवा चौथ बृहस्पतिवार, अक्टूबर 13, 2022 को – करवा चौथ पूजा मुहूर्त – 05:54 पी एम से 07:09 पी एम – अवधि – 01 घण्टा 15 मिनट्स – करवा चौथ व्रत समय – 06:20 ए एम से 08:09 पी एम – अवधि – 13 घण्टे 49 मिनट्स – करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय – 08:09 पी एम

टोटीवाला करवा और ढक्कन - करवा चौथ का व्रत में करवा के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. करवा को गणपति का प्रतीक माना जाता है. कहते हैं करवे में लगी टोटी गणेश जी की सूंड मानी जाती है. करवा में जल भरकर पूजा करने और चंद्रमा को अर्घ्य देने से मंगल कामनाएं पूर्ण होती है.

करवा चौथ पूजन सामग्री

करवा चौथ कथा की पुस्तक और तस्वीर - करवा चौथ का व्रत कथा के बाद ही पूरा माना जाता है. पूजा में चौथ माता, करवा माता और गणेश जी की कथा पढ़ी जाती है. करवा माता की पूजा के लिए उनकी फोटो लें आएं – कांस की सींक - कांस की सींक को करवे की टोटी में डाला जाता है. मान्यता है कि यह सींक शक्ति का प्रदर्शन करती है.

करवा चौथ पूजन सामग्री

कलश - सनातन धर्म में पूजा में कलश का होना अनिवार्य होता है, क्योंकि इसमें ग्रह, नक्षत्र, 33 करोड़ देवी-देवता और पवित्र तीर्थों का वास माना जाता है. इनकी उपासना के बाद ही शुभ कार्य शुरू किया जाता है. – 16 श्रृंगार का सामान - चूड़ी, साड़ी,  मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछिया आदि

करवा चौथ पूजन सामग्री

करवा चौथ की आवश्यक संपूर्ण पूजन सामग्री को एकत्र करें। व्रत के दिन प्रातः स्नानादि करने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें- 'मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये। पूरे दिन निर्जला रहें।

करवा चौथ व्रत की पूजन विधि

दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें। इसे वर कहते हैं। चित्रित करने की कला को करवा धरना कहा जाता है। आठ पूरियों की अठावरी बनाएं। हलुआ बनाएं। पक्के पकवान बनाएं।

करवा चौथ व्रत की पूजन विधि

पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेशजी बनाकर बिठाएं। गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं। चौक बनाकर आसन को उस पर रखें। गौरी को चुनरी ओढ़ाएं। बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें।

करवा चौथ व्रत की पूजन विधि

जल से भरा हुआ लोटा रखें। वायना (भेंट) देने के लिए मिट्टी का टोंटीदार करवा लें। करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें। उसके ऊपर दक्षिणा रखें। रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं।

करवा चौथ व्रत की पूजन विधि

गौरी-गणेश और चित्रित करवा की परंपरानुसार पूजा करें। पति की दीर्घायु की कामना करें। नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्;। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥ करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें।

करवा चौथ व्रत की पूजन विधि

कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सासुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें। तेरह दाने गेहूं के और पानी का लोटा या टोंटीदार करवा अलग रख लें।

करवा चौथ व्रत की पूजन विधि

रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें। इसके बाद पति से आशीर्वाद लें। उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें।

करवा चौथ व्रत की पूजन विधि

व्रत कथा